अपादान कारक
5)अपादान कारक(Ablative case):-जिससे किसी वस्तु का अलग होना पाया जाता है, उसे अपादान कारक कहते है।
दूसरे शब्दों में- संज्ञा के जिस रूप से किसी वस्तु के अलग होने का भाव प्रकट होता है, उसे अपादान कारक कहते है।
इसकी विभक्ति 'से' है।
जैसे- ''दूल्हा घोड़े से गिर पड़ा।''
इस वाक्य में 'गिरने' की क्रिया 'घोड़े से' हुई अथवा गिरकर दूल्हा घोड़े से अलग हो गया। इसलिए 'घोड़े से' अपादान कारक है।
जिस शब्द में अपादान की विभक्ति लगती है, उससे किसी दूसरी वस्तु के पृथक होने का बोध होता है।
जैसे-
हिमालय से गंगा निकलती है।
मोहन ने घड़े से पानी ढाला।
बिल्ली छत से कूद पड़ी
चूहा बिल से बाहर निकला।
करण और अपादान के 'से' प्रत्यय में अर्थ का अन्तर करणवाचक के प्रसंग में बताया जा चुका है।
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